Skip to Content
महाकुम्भ मेला 2025
144 वर्षों बाद अनोखा संगम । प्रयागराज में महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को पौष माघ की पुर्णिमा के साथ हो चुकी है, और महाकुंभ पर्व का समापन महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को अंतिम स्नान के साथ होगा, इस बार महाकुंभ मेला 45 दिन तक चलेगा 1. संगम घाट संगम नगरी प्रयागराज का सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण संगम घाट है यहां गंगा यमुना और सरस्वती तीन पवित्र नदियों का संगम होता है और इसीलिए इसे संगम घाट के अलावा त्रिवेणी घाट के नाम से भी जाना जाता है संगम घाट पर डुबकी लगाने से तीनों नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है 2. रामघाट संगम घाट से रामघाट की दूरी मात्र 3 मिनट की है 3. अरैल घाट - संगम नगरी प्रयागराज में यमुना नदी के किनारे स्थित अरैल घाट अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए जाना जाता है हालांकि महाकुंभ के दौरान यहां उमड़ी भीड़ में शांति का अनुभव करना थोड़ा कठिन हो सकता है, अरैल घाट से संगम घाट सड़क मार्ग से 30 मिनट की दूरी पर है 4. दशाश्वमेघ घाट - दशाश्वमेघ घाट पर ब्रह्मा जी ने स्वयं ब्रह्मेश्वर महादेव शिवलिंग की स्थापना की थी . मंदिर में अब तक यह शिवलिंग स्थापित है . यहां एक साथ दो शिवलिंगों ब्रह्मेश्वर और दशाश्वेवर की पूजा होती है. महाकुंभ 2025 के लिए इस दशाश्वमेध मन्दिर और घाट का जीर्णोद्धार किया गया है 5. सरस्वती घाट - यह घाट यमुना नदी के किनारे पर बना है और मां सरस्वती को समर्पित है, यही पास ही भगवान शिव का बहुत प्राचीन मंदिर है, जिसका नाम मनकामेश्वर मंदिर है, यहां दर्शन से शुभ फल की प्राप्ति होती है